SHABDON ME BAYAN HAR BAAT NAHI HOTI

 कुछ अनसुनी बातें यू ही रह जाती  है,
दिल के किसी कोने में शायद
गुमसुम रहकर भी
कुछ गुनगुनाती तो है
पर
कुछ कह नहीं पाती .....

बातें सिर्फ कागज़ के  टुकड़ो पर
लिख नहीं सकते
 ज़ुबान पर लफ्ज़ भी
कभी  अपनी नहीं सुनते ....
कभी खुद भी कुछ कह के
हम स्वयं ही सोचने लगते

अक्षरों की कैसी ये दोस्ती है
अपने रंग रूप
 यू ही  बदलते रहते
गज़ब है ये रहस्य इनका
सोचो, कभी शब्दों  से ही किसीका दिल दुख  जाता
तो कभी ये ही प्रशंसा के पात्र बन जाते

जोड़ो तो मन से मन की तार
न अपने मन का कोई और सुने
सिर्फ सुने वही जिसे कहनी थी ये बात

कुछ बातें यु ही अनसुनी रह जाती है
शब्दों को किताबों में ढूंढ लोगे 
पर ...... 
भावनाओ का कोई पता नहीं 
क्योंकि शब्दों में बयां हर बात नहीं होती ....
यु    ही अनसुनी रह जाती है 





Comments

Popular posts from this blog

Budhi amma kahan jaa hi ho?

YE AANKHEIN KUCH KEHTI HAI......

ME AND GUITE