Posts

Showing posts from March, 2017

संघर्ष करना सीखना होगा

                                                                          आसान नहीं है हीरों को तराशना ,          घंटो मेहनत करता है कोई।             चोट खाके भी हीरे चमकते है ,           खुद टुकड़े होके,            दूसरों की शोभा बढ़ाते है।                                                                      हीरे यूँ  ही नही चमकते ,             आकार  ऐसा बनाना होता है।               इंद्रधनुष बनाने के लिए ,             हर रंग को मिलाना होता है।                                                                       प्रतिबिम्ब लहरों से हिल जाये,                 हौंसलों को न हिला सकेगा।               रब चाहे तो लीला दिखाए ,               पर चरणों में शरण तो मिलेगा।                                                                            आंसू बूँदें ही तो है ,            बहने दो .... उनका बहन ही अच्छा है            संजो के आंसुओं को कौन रखता है ?              वक़्त बदलता है ,    

रेलगाड़ी

Image
  READ THE ARTICLE WITH PATIENCE AND TRY TO UNDERSTAND ITS MEANING DEEPLY ! ENJOY READING....  11TH AND 12TH CLASS भी बड़ी ही गज़ब होती है , बच्चे होते है इंजन और साल के शुरुवात में पता चलता है की ( STUDENTS=ENGINE ) को एक बोगी लेके जानी है लेकिन धीरे धीरे एक के बाद एक बोगी जुड़ती जाती है। ..अब बच्चों पर भी बड़ा बोझ हो जाता है , बोगी के जुड़ते रहने की वजह से वह एक लंबी रेलगाड़ी बन जाती है।  अंत में जब बोगियों के जुड़ने की बारी ख़त्म हो जाती है तो ट्रेन  चलना आरंभ करता है।   अक्सर ऐसा ही होता है की अगर  नादान या नन्हा सा बच्चा ट्रेन  की बोगी कितनी है इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने की कोशिश करता है लेकिन ....... कहानी में ट्विस्ट है बहनो ... वह नादान बच्चा गिनता तो है परंतु अंत में यही भूल जाता है की कितने थे ?  जी हां आप बलकुल ठीक सोच रहे है , ऐसी ही ज़िन्दगी है उन वरिष्ठ वर्ग के विद्यार्थियों की एवं  विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की .....  अब इंजन भी तैयार ,  बोगियों में सफाई भी हो गयी। ....  तो देर किस बात की है ?  ऑटो वाले ,  रिक्शा वाले , टैक्सी वाले सब यात्रियों को लेकर

सकारात्मक सोच का महत्व

Image
अक्सर हमारे जीवन में कुछ ऐसी परिस्थितियां आती है जब ऐसा लगता है की हम मुश्किलों से घिरे हुए है । तब हमारे मन की भावनाएं शोकग्रस्त  है । लेकिन मनुष्य को चाहिए की वो हमेशा सकारात्मक विचारों को ही सोचे अवाम श्रवण करे । ऐसा करने से चाहे आप दुःख में हो या सुख में , अगर आपके विचार सकारात्मक होंगे तो आप कभी भी गलत मार्ग को नहीं चुनिएगा । अगर कभी आपकी अभिलाषाएं पूरी हुई तो दुखी मत होइएगा क्योंकि कहा जाता है की:- अगर मन की बात पूरी हुई तो अच्छा , नहीं हुई तो और भी अच्छा  क्योंकि वह भगवन की इच्छा है और भगवन सदैव आपके हिट के लिए ही चाहेंगे।  इसीलिए जब भी कभी विषम परिस्थिति आये तो आंसू मत बहन क्योंकि :- "आंसू बहन तो सबको आता है पर आंसू रहते हुए भी मुस्कुराना बहुत काम लोगों को "  सकारात्मकता में ऐसी ताकत है जो पतझड़ ऋतू में भी वसंत सा अनुभव करा सकती है  बहुत लोग ये जानते होंगे की बल्ब का अविष्कार थॉमस एल्वा एडिसन जी ने किया और अविष्कार करने से पूर्व उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा।   सोचिये की जब वह पहली बार चुके , दूसरी बार भी चुके और कई बार असफल हुए तब उन्होंन

SHABDON ME BAYAN HAR BAAT NAHI HOTI

  कुछ अनसुनी बातें यू ही रह जाती  है, दिल के किसी कोने में शायद गुमसुम रहकर भी कुछ गुनगुनाती तो है पर कुछ कह नहीं पाती ..... बातें सिर्फ कागज़ के  टुकड़ो पर लिख नहीं सकते  ज़ुबान पर लफ्ज़ भी कभी  अपनी नहीं सुनते .... कभी खुद भी कुछ कह के हम स्वयं ही सोचने लगते अक्षरों की कैसी ये दोस्ती है अपने रंग रूप  यू ही  बदलते रहते गज़ब है ये रहस्य इनका सोचो, कभी शब्दों  से ही किसीका दिल दुख  जाता तो कभी ये ही प्रशंसा के पात्र बन जाते जोड़ो तो मन से मन की तार न अपने मन का कोई और सुने सिर्फ सुने वही जिसे कहनी थी ये बात कुछ बातें यु ही अनसुनी रह जाती है शब्दों को किताबों में ढूंढ लोगे  पर ......  भावनाओ का कोई पता नहीं  क्योंकि शब्दों में बयां हर बात नहीं होती .... यु    ही अनसुनी रह जाती है