क्योंकि तुम्हें सबसे अच्छा बनना है
अपेक्षायें मानव को शिथिल,
कमजोर और विवेक हीन बनाते हैं |
माया तब तक लुभाती है ,
जब तक मायित वास्तुओं से प्रेम हो |
प्रेम के आधार को माया न बनाओ,
मोह तो हर उस वस्तु से हो जाता है
जो कभी पास हो |
लुप्त मत हो भावनाओ में ,
सीखो विदिशाओं से ,
जो पत्थरों से भी राह निकालती है |
हिमालय से भूमि तक कितनों को जोड़ति है ,
जिसकी धारा शीतल, पावन प्रतिपल बढ़ती है |
चुनैतियां किसके हिससे नहीं आती ?
जो तुम्हारे पास है
सुधारो , स्वयं को
क्योंकि तुम्हें सबसे अच्छा बनना है
Date edited : 21/03 ,1/04/2023
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