WO KHEL...BACHPAN KE....
क्या आप याद कर सकते है की last time आपने कब अपने दोस्तों या फिर अपने परिवार के सदस्यों के साथ लूडो बैठ कर खेला हो या फिर अपने छोटे बच्चों के साथ लुका - छुपी खेली हो..... गिल्ली -डंडा खेला हो ... ....कब्बडी खेली हो... या फिर बैडमिंटन ही खेला हो .... सोच में पड़ गए होंगे आप...... याद करिये जब आप स्कूल के दिनों में अपने फ्रेंड्स के साथ स्कूल जाने के सफर में "आओ मिलो सिलो सालो कच्चे धागे रेस लगालो , दस पत्ते तोड़े , एक पत्ता कच्चा ..... समोसे बड़े सस्ते नाना जी नमस्ते" गाते थे । ना जाने हम जब छोटे थे तो कितनी मस्ती किया करते थे.... स्कूल में जहाँ सीढियाँ मिली बस वही RECESS में शुरू हो जाते थे A,B,C,D खेलना ............ यही है वो सीढियाँ जहाँ मैं 1st claas में DPS MANALI में अपने दोस्तों संग खेलने लगती थी जब मौका मिले... तो शुरू हो जाते थे खेलना, recess होते ही बस फटा-फट खाना खाया और आ गए कभी झूला झूलने कभी hide and seek खेलने तो कभी कुछ नए गेम्स इंवेंट कर लेते थ...